त्रिशक्ति जगदंबा सर्वार्थ सिद्धि शक्ति पीठ फाउंडेशन आपके सेवा में सदैव आपके साथ होगा! धर्मो रक्षति रक्षिता:

गौ रक्षा को कायम रखना
त्रिशक्ति में आपका स्वागत है, जो गायों की भलाई और सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए समर्पित एक मंच है। गायें कई संस्कृतियों में एक विशेष स्थान रखती हैं और कृषि, डेयरी और सौम्य साथी के रूप में उनके योगदान के लिए पूजनीय हैं।
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मन को सशक्त बनाना, जीवन को बदलना
त्रिशक्ति में आपका स्वागत है, जो भारत में शिक्षा की खोज और प्रचार के लिए समर्पित एक मंच है। एक समृद्ध इतिहास और विविध सांस्कृतिक टेपेस्ट्री वाले देश के रूप में, भारत सशक्तिकरण और सामाजिक प्रगति के साधन के रूप में शिक्षा पर महत्वपूर्ण जोर देता है।
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पवित्र स्थानों का निर्माण
त्रिशक्ति में आपका स्वागत है, जो मंदिर निर्माण की गहन कला और महत्व की खोज के लिए एक समर्पित स्थान है। विभिन्न सभ्यताओं में मंदिरों ने आध्यात्मिक अभ्यारणों, सांस्कृतिक स्थलों और वास्तुशिल्प चमत्कारों के रूप में कार्य किया है।
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हमारे बारे में

हमारी समाज सेवा टीम एक ऐसी टीम है जो बच्चों की बेहतरी की दिशा में काम करने के लिए प्रतिबद्ध है। हम एक गैर-लाभकारी स्वैच्छिक संगठन हैं जिसका उद्देश्य हमारी भावी पीढ़ी को उज्ज्वल और स्वस्थ भविष्य देना है। हम एक धर्मनिरपेक्ष परिवार हैं जो बच्चों को सही और बेहतर भविष्य के लिए भोजन, किताबें और स्वास्थ्य जांच जैसी सुविधाएं प्रदान करने के लिए मिलकर काम करते हैं।

हम सभी ने कोविड संकट के दौरान दिहाड़ी मजदूरों की कठिन परीक्षा देखी है। पहले कम आय होने और लॉकडाउन के बाद कोई आय नहीं होने के कारण, उन दिनों में भोजन के लिए भी तरसना पड़ा था ।  इसलिए हम ऐसे परिवारों कि मदद करने के लिए एक रणनीति तैयार कर रहे हैं।

त्रिशक्ति में आपका स्वागत है

शिक्षा के बारे में

अच्छी शिक्षा जीवन में बहुत से उद्देश्यों को प्रदान करती है जैसे; व्यक्तिगत उन्नति को बढ़ावा, सामाजिक स्तर में बढ़ावा, सामाजिक स्वास्थ्य में सुधार, आर्थिक प्रगति, राष्ट्र की सफलता, जीवन में लक्ष्यों को निर्धारित करना, हमें सामाजिक मुद्दों के बारे में जागरूक करना और पर्यावरण समस्याओं को सुलझाने के लिए हल प्रदान करना और अन्य सामाजिक मुद्दे आदि।

गुरुकृपा

गुरु योगी श्रवणनाथजी पंथ आई सरंद मकान

श्री नाथ जी की जमात

संसार में जब भी असह्य कठिनाईयों और मोहमय जीवन के बारे में बात होती है, साधु-संत और संन्यासी एक दिव्य उज्ज्वलता की ओर इंगीत करते हैं।

सामाजिक उत्थान की ओर

साधु-संत और संन्यासी समाज के उत्थान की ओर एक मार्गदर्शन करते हैं। उनके जीवन का मूल मंत्र है – “सर्वे भवन्तु सुखिनः” (सभी कुशहाल हों)।

धार्मिक शिक्षा और प्रचार-प्रसार

इन महात्माओं का उद्देश्य हमें अपने आत्मा का साक्षात्कार करने के साथ-साथ धार्मिक सिद्धांतों का सही अर्थ सिखाना है।

त्याग और सेवा

साधु-संत और संन्यासी त्याग और सेवा का अद्वितीय प्रतीक हैं। उन्होंने स्वयं को भगवान की सेवा में समर्पित कर दिया है और अन्यों की मदद के लिए उपकृति में जुट गए हैं।

धरोहर की सुरक्षा

ये महात्मा अपने जीवन को धरोहर की तरह संजीवनी बूंदों के रूप में देखते हैं और समाज को उन धरोहरों को सुरक्षित रखने का आह्वान करते हैं।

निर्देशक

तपस्वी योगी औघड़पीर रामनाथजी गुरु योगी रविनाथजी खडेश्री पंथ आई सरंद मकान बाबा मंगलनाथ डेरा

योगी औघड़पीर जगदंब नाथ गुरु तपस्वी योगी औघड़पीर रामनाथजी पंथ आई सरंद मकान

असली दान

दान देना ही मनुष्य की मनुष्यता है। क्या पैसे और रुपए को किसी दूसरे को देना ही दान है? हां एक सीमा तक अवश्य है। परंतु दान का अर्थ केवल रुपए पैसे का ही दान नहीं है। दान का ठीक अर्थ है जो शक्ति आपके पास है, उससे दूसरे की सहायता करना, उससे दुख-दर्द, गिरावट, बीमारी, अज्ञानता, दरिद्रता और संकट आदि से बचाने का प्रयास करना। अमीरी केवल रुपए पैसे की नहीं। रुपए पैसे की अमीरी केवल एक प्रकार की अमीरी है। यदि आपके पास बाहुबल है, राज्य बल है, चरित्र बल है, समाज बल है, ज्ञान बल है, विज्ञान बल है, योग बल है, ध्यान बल है और यदि आप दूसरे की आवश्यकता को देखकर, उसे कष्ट में पड़ा देखकर भी उसकी सहायता नहीं करते तो ये दान नहीं है। दान का अर्थ ये है कि जो भी शक्ति आपके पास है उसे दूसरे के भले के लिए उन्हें अर्पण कर दीजिए। जो लोग शक्ति होने पर भी दूसरों के लिए इस शक्ति का प्रयोग नहीं करते, जो ज्ञानी होने पर भी दूसरों को ज्ञान नहीं देते, बाहुबल होने पर भी दुर्बल की रक्षा नहीं करते, राज्य बल होने पर भी न्याय नहीं करते, योग बल होने पर भी दूसरों के कष्ट दूर नहीं करते, ध्यान बल होने पर भी, दूसरों को अध्यात्म मार्ग की और जाने की प्रेरणा नहीं देते, वे देखने में तो मनुष्य है अवश्य, परन्तु वास्तव में वे मनुष्य नहीं है। वे मानवता के सबसे बड़े गुण दान को भूल गए हैं। सारी प्रकृति भी हमें देने में लगी हुई है। आप से और कुछ नहीं बन पड़ता तो प्यार के दो मीठे बोल ही बोल दो, किसी को मुस्कुराहट ही दे दो, किसी रोते हुए को हँसा दो । सबका आत्मसम्मान,आत्मविश्वास बढ़ाओ ईश्वर सब में बसा है!

गौ सेवा/रक्षक/दान

सनातन धर्म में गाय को माता की उपाधि दी गई है। वैदिक काल से ही गाय की सेवा का विस्तृत वर्णन मिलता है !

साधु संयासियो के लिए आश्रम

साधु-संन्यासियों का महत्व समझना हमारे समाज के लिए अत्यंत आवश्यक है।

रूरल बच्चो की मदत

हमारे गाँवों के बच्चे। ये वे नन्हे-मुन्ने हैं जो सुनसान सड़कों पर निर्ममता से चलते हैं …

निर्माण कार्य

विभिन्न सांस्कृतिक, धार्मिक और ऐतिहासिक कारणों से धार्मिक स्थानों का निर्माण किया गया है।

हमें विश्वास है कि हम बचा सकते हैं
आपके साथ और अधिक जीवन

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लोग उठ खड़े हुए
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स्वयंसेवक
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गरीब लोग बचायें
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देश के सदस्य

हमारे दाता

हम क्या करते हैं?

हमारी सेवाएँ

सामाजिक विकास

सामाजिक विकास को उन तत्वों के माध्यम से मापा जाता है जो लोगों की भलाई को प्रभावित करते हैं, इसलिए स्वास्थ्य, शिक्षा, रोजगार और लैंगिक समानता के संकेतकों का उपयोग किया जाता है

स्वास्थ्य एवं अधिकार

आज की दुनिया में हम जानते हैं कि बहुत से लोगों को प्रतिदिन भोजन नहीं मिलता है। लोग स्वास्थ्य के अधिकार के हकदार हैं और सरकार द्वारा इस दिशा में कदम उठाना उनका उत्तरदायित्त्व है।

शिक्षा

समाज एक पीढ़ी द्वारा अपने से निचली पीढ़ी को अपने ज्ञान के हस्तांतरण का प्रयास है। इस विचार से शिक्षा एक संस्था के रूप में काम करती है, जो व्यक्ति विशेष को समाज से जोड़ने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती है

त्रिशक्ति में आपका स्वागत है

हमारी पोस्ट

मकर संक्रांति समारोह

त्रिशक्ति जगदम्बा फाउंडेशन ने सर्वार्थ सिद्धि शक्ति पीठ के लिए एक सामाजिक सेवा समर्पण समारोह आयोजित किया। मकर संक्रांति, हिन्दू

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